Thursday, July 2, 2009

Bahut Baar Dhage Tute MereiN - बहुत बार धागे टूटे मेरे

बहुत बार धागे टूटे मेरे

पर फिर वही दिखता है

लगता है....

बुनने वाले ने, गाँठ मिटा दी है
रिश्तो का टूटना शायद,

रिश्तो में मिठास और बढ़ा दी है...

4 comments:

Rupesh said...

वाह भाई क्या लिखे है ! एक डम भीतर
से आने दीजिए ओर .........

Rajender said...

दिल से पढ़ो तो बहुत गहराई की बात लिख दी है.


राज चौहान
http://rajenderblog.blogspot.com

Navrang said...

Rupesh,

Thanks for such a wonderful comment!!!


Regards
Navrang
http://navrangblog.blogspot.com

Navrang said...

Raju Bhaiya,

I read your blog as well.... you started with Madhushal, which is my favorite one....

Thanks for comments.

Regards
Navrang
http://navrangblog.blogspot.com

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